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Avatar of vishnu Story in hindi

lord vishnu avatar-भगवान विष्णु को क्यों लेने पड़े दशावतार?

भगवान विष्णु को दशावतार क्यों लेने पड़े इसके पीछे एक बहुत ही रोचक कथा का वर्णन आता है. इस कथा का आरंभ विष्णु भक्त राजा अंबरीष से होता है. सूर्यवंशी राजा अंबरीश परम प्रतापी और भक्त थे. एक बार उन्होंने विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी के व्रत को करने का निश्चय किया.


bhagwan vishnu avatar story

एकादशी का व्रत पूरा करने के बाद वे द्वादशी को पारणकरने जा रहे थे कि महर्षि दुर्वासा कई ऋषियों के साथ उनके दरबार में आए. राजा ने सोचा कि ऋषियों को भोजन करवा कर ही व्रत का पारण करना ठीक होगा. उन्होंने महर्षि दुर्वासा से आग्रह किया कि वे उनका आतिथ्य स्वीकार करें.

vishnu avatar in hindi

महर्षि दुर्वासा ने उनका आतिथ्य स्वीकार कर लिया और भोजन से पहले स्नान करने के लिए वे नदी तट पर चले गए. नदी तट पर स्नान करने और पूजा कर्म में महर्षि दुर्वासा को बहुत अधिक समय लग गया.
द्वादशी बीतने में कुछ ही समय रह गय था और शास्त्रों के अनुसार द्वादशी में पारण न होने पर दोष लगता और त्रयोदशी हो जाने पर व्रत निष्फल हो जाता. इस परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने कुल पंडित से पूछकर शालिग्राम जी की मूर्ति को स्नान करवाया और उनका चरणामृत ग्रहण कर लिया. इतनी देर में दुर्वासा जी लौट आए और उन्हें लगा कि राजा अंबरिश ने उनकी प्रतिक्षा किए गए बगैर भोजन ग्रहण कर लिया.


महर्षि दुर्वासा क्रोधित हो गए. उन्होंने राजा को शाप दे दिया कि उन्हें मुक्ति नहीं मिलेगी और दस बार शरीर धारण करना होगा. इतना होने पर भी उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ. उन्होंने अपना एक बाल तोड़ा और कृत्या नाम की राक्षसी का निर्माण किया. वह भयानक राक्षसी राजा अंबरीश को मारने के लिए दौड़ी. भगवान विष्णु ने अपने भक्त की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र को भेज दिया.
सुदर्शन चक्र ने कृत्या का वध कर दिया और उसके बाद वह महर्षि दुर्वासा के पीछे लग गए. महर्षि दुर्वासा तीनो लोको में भागते रहे लेकिन चक्र ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. आखिर में जब वे थक गए राजा अंबरीश की शरण में चले गए और अपने भूल का पश्चाताप करने लग गए. 

10 avatar of vishnu

अंबरीश ने महर्षि दुर्वासा को क्षमा कर दिया तो भगवान विष्णु ने अपने चक्र को लौट आने का आदेश दिया. भगवान विष्णु ने अपने भक्त की शाप से रक्षा करने के लिए उनका श्राम अपने ऊपर ले लिया. इस कारण भगवान को vishnu ke 10 avatar- first avatar of vishnu मत्स्य, वाराह varaha avatar, कुर्म, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, 9th avatar of vishnu बुद्ध और कल्कि kalki avatar नाम के दशावतार लेने पड़े. 


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