पंचतंत्र की कहानियां-ऊंट और सियार
एक बार की बात है, जंगल में रहने वाले एक ऊंट की दोस्ती एक सियार से हो गई. सियार बदमाश था और उसके मन में खोट आ गया. उसने सोचा अगर किसी तरह ऊंट का शिकार कर लिया जाए तो खाने के लिए बहुत मांस मिलेगा.
इसी उधेड़बुन में उसे एक रास्ता सूझा. उसने सोचा कि किसी तरह इस ऊंट को लालच में फंसा कर किसान के खेत में ले जाकर फंसवा दूं तो किसान फसल में नुकसान होने की वजह से इसे मार देगा. यही सोच कर उसने ऊंट को कहा कि मैं एक बहुत अच्छी जगह जानता हूं, जहां बहुत स्वादिष्ट तरबूज है. अगर हम चाहें तो वहां चलकर भरपेट तरबूज खा सकत हैं.
hindi kahaniya panchtantra ki, panchtantra story in hindi, panchtantra ki kahaniya, panchtantra ki kahani in hindi, panchtantra ki kahaniya in hindi, panchatantra, story of panchtantra in hindi
ऊंट को यह बात जम गई और वह सियार के साथ चल पड़ा. सियार उसे एक खेत में ले गया और तरबूज खाने लगा. थोड़े से तरबूज खाने के बाद सियार का पेट भर गया. उसने ऊंट से कहा कि पेट भरने के बाद उसे चिल्लाने की आदत है.
ऊंट ने उसे मना किया कि अगर वह चिल्लाया तो खेत का मालिक आ जाएगा लेकिन सियार नहीं माना और जोर-जोर से हुंआ-हुंआ चिल्लाने लगा. सियार की आवाज सुनकर किसान जाग गया और लाठी लेकर आ गया. यह देखकर सियार तो भाग गया लेकिन ऊंट की बहुत पिटाई हुई.
ऊंट जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर भागा. नदी किनारे पहुंचा तो देखता है कि सियार सो रहा है. सियार ने नकली हमदर्दी जताते हुए कहा कि उसे बहुत दुख है कि उसके दोस्त की पिटाई हुई. ऊंट ने कहा कि कोई बात नहीं. लेकिन तुम नदी किनारे क्यों सोये हुए थे.
सियार ने कहा कि उसे तैरना नहीं आता इसलिए उस पार नहीं जा सका. ऊंट ने कहा कि कोई बात नहीं, वह अपने दोस्त को पीठ पर बैठाकर नदी पार करा देगा. सियार यह सुनकर खुश हुआ और ऊंट की पीठ पर सवार हो गया.
ऊंट बीच नदी में पहुंच कर बोला कि उसे भी पानी में आने के बाद लोटने का मन करता है. सियार बोला लेकिन अगर तुम लोटोगे तो मैं डूब जाऊंगा. ऊंट ने सियार को सबक सिखाने के लिए लोटना शुरू कर दिया लेकिन उसे डूबने नहीं दिया और सियार को सबक मिल गया.
No comments:
Post a Comment