सुख और दुख
एक बार एक किसान था. उसने अपने पूरे जीवन में किसी का भी बुरा नहीं किया और जहां तक हो सका सबकी मदद की. इस वजह से पूरा गांव उसे प्रेम करता था और उसका कोई दुश्मन न था.
एक बार किसान का घोड़ा अपनी रस्सी तुड़ा कर जंगल में भाग गया. गांव वालों को जब यह बात पता चली तो वह किसान के पास अफसोस करने के लिए आए और बोले कि यह अच्छा नहीं हुआ कि तुम्हारा कीमती घोड़ा रस्सी तुड़ा कर भाग गया. किसान ने जवाब दिया- हां... शायद.
अगले ही दिन घोड़ा अपने साथ तीन और जंगली घोड़ों को लेकर घर वापस आ गया. जब गांव वालो को इस बात की खबर लगी तो वह किसान के पास खुशी व्यक्त करने गए कि वह अब एक के बदले 4 घोड़ों का मालिक हो गया है. किसान ने अपना पुराना जवाब दोहराया हां...शायद.
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कुछ दिन बाद किसान के बेटे की एक जंगली घोड़े की सवारी के दौरान गिरने से पैर टूट गया. गांव वालो को पता चला तो वे एक बार फिर किसान के पास अपना दुख व्यक्त करने के लिए गये और बोले की आपके बेटे का पैर टूट गया यह तो बड़े दुख की बात है. किसान ने फिर वही कहा हां....शायद.
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अगले ही दिन राजा के सिपाही फौज मे भर्ती के लिए गांव आए और सभी जवान लड़को को अपने साथ ले गए लेकिन किसान के लड़के का पैर टूटा हुआ था इसलिए उसे छोड़ गए. गांव वाले खुशी जाहिर करने पहुंचे तो किसान बोला हां....शायद.
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