बच्चों की विज्ञान गल्प कथाएं— जादुई उड़नतश्तरी Part- 1
यह बात उस समय की है जब दुनिया में हवाई जहाज का आविष्कार नहीं हुआ था. एक कस्बे में एक लड़का रहता था. नाम था नास्त्रेदमस. नास्त्रेदमस का नाम उसके चाचा ने रखा था जो एक वैज्ञानिक थे. नास्त्रेदसम के चाचा दरअसल एक यूरोपियन भविष्य वक्ता नास्त्रेदमस से बहुत प्रभावित थे इसलिए उन्होंने अपने भतीजे का नाम इस भविष्यवक्ता के नाम पर रख दिया था.
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नास्त्रेदमस के माता—पिता की मृत्यु एक दुर्घटना में हो गई थी. चाचा को अपने अजीब वैज्ञानिक प्रयोगों से फुर्सत ही नहीं थी. नास्त्रेदमस के चाचा को गांव वाले पागल समझते थे इसलिए उनकी शादी भी नहीं हुई थी. कुल मिलाकर परिवार में दो लोग थे. वैसे चाचा की एक सहायिका भी थी जो दूसरे गांव की रहने वाली थी. उसका कोई नहीं था इसलिए वह नास्त्रेदमस के घर पर खाना बनाने और साफ—सफाई का काम करती थी.
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नास्त्रेदमस को भी वैज्ञानिक प्रयोग बहुत अच्छे लगते थे. वह अक्सर अपने चाचा के साथ उनके प्रयोगों का हिस्सा बनता और विज्ञान को समझने की कोशिश करता. एक दिन उसने चाचा को एक खास मशीन पर काम करते देखा. उसके बारे में जब नास्त्रेदमस ने पूछा तो चाचा ने बताया कि उस खास मशीन से वह सितारों से बात कर सकते हैं.
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चाचा ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बताया कि हरेक सितारा अपनी रोशनी की टिमटिमाहट से बात करता है. हर सितारे के टिमटिमाने का एक खास पैटर्न होता है. उस पैटर्न को अगर समझ लिया जाए तो सितारों की भाषा सीखी जा सकती है. यह मशीन उस पैटर्न को रिकॉर्ड करेगी और उसके आधार पर हमें सितारों की भाषा सिखाएगी.
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नास्त्रेदसम ने पूछा कि चाचा ये सितारे आखिर में किससे बात करते हैं?
चाचा ने बताया कि ये सितारे आपस में बात करते हैं. दरअसल इन सितारों के बीच लाखों प्रकाश वर्ष की दूरी है और प्रकाश ही इनके बीच सबसे तेजी से सफर करने वाला माध्यम है इसलिए इन सितारों पर रहने वाले लोग अपने संदेश एक सितारे से दूसरे सितारे तक पहुंचाने के लिए प्रकाश की अलग—अलग फ्रिक्वेंसी पर संदेश भेजते हैं जो पृथ्वी पर टिमटिमाहट की तरह दिखाई देती है.
नास्त्रेदमस को यह बात बहुत अजीब लगी लेकिन वह जानता था कि उसके चाचा बहुत बुद्धिमान है. यह और बात है कि लोग उन्हें पागल समझते हैं. इस बात को कई दिन हो गए. एक दिन नास्त्रेदमस प्रयोग शाला में गया तो क्या देखता है कि सितारो से बात करने वाली मशीन अलग—अलग तरीके से चमक रही है. नास्त्रेदमस को लगा कि मशीन में कोई खराबी आ गई है और इसमें आग लगने वाली है.
नास्त्रेदमस के चाचा की प्रयोगशाला में आग लगने की घटना कई बार हो चुकी थी इसलिए वह उस मशीन को उठाकर छत पर ले गया और उसमें आग लगने का इंतजार करता रहा लेकिन मशीन सिर्फ चमकती रही. कुछ देर बार उसकी आंख लग गई. आधी रात के करीब उसे लगा जैसे रोशनी का एक तूफान आया है और उसकी आंखे खुल गई. वह क्या देखता है कि एक गोल तश्तरी नुमा चीज जो तेजी से चमक रही है, उसके घर की छत पर मंडरा रही थी.
नीचे गली के कुत्ते तेजी से भौंक रहे थे और नास्त्रेदसम की डर के मारे हालत खराब थी. वह जोर से चीखना चाहता था लेकिन आवाज उसकी हलक में अटक गई थी. उसे समझ आ गया था कि वह जो मशीन छत पर लेकर आया था, उससे निकलने वाला संदेश सितारों तक पहुंच गया है और यह एक उड़न तश्तरी है जो उसकी मदद से यहां आ गई है.
आगे क्या होगा, क्या उड़नतश्तरी नास्त्रेदमस को अपने साथ ले जाएगी या फिर वह उस पर हमला करके कस्बे को खत्म कर देगी...यह जानने की इस कहानी की अगली कड़ी का करें इंतजार...
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