hindi ki kahani, kahani in hindi, kahani hindi me, hindi story, hindi song, hindi kahani download, kahani hindi mai, hindi prem kahani, story in hindi, kahaniya hindi, hindi khani, kahani for child in hindi, kahani hindi mai, hindi kahani cartoon, bolti kahani

Full width home advertisement


Premchand Stories

Love Stories

Post Page Advertisement [Top]


lord krishna stories in hindi pdf, krishna story in hindi video, krishna birth story in hindi, story of lord krishna from birth to death in hindi, bhagwan shri krishna ki kahani in hindi, little krishna in hindi, krishna cartoon, bal krishna movie in hindi download
little krishna stories-कृष्ण की बाल लीला-पूतना का वध


lord krishna stories in hindi pdf

कृष्ण की बाल लीला-पूतना का वध


कृष्ण के गोकुल में जन्म लेने के बारे में जब कंस को पता चला तो वह व्याकुल हो उठा. वह दिन रात यह सोचने लगा कि कैसे वह बालक कृष्ण को खोज कर उसकी हत्या कर सके. इसके लिए उसे मंत्री तरह-तरह के विचार देने लगे.

story of lord krishna from birth to death in hindi

एक दिन उसके मन में एक विचार ने जन्म लिया. पूतना नाम की राक्षसी को वह जानता था और उसको भोजन के रूप में वह अक्सर आदमी भेजा करता था. उसने बालक कृष्ण की हत्या करने के लिए पूतना को तैयार किया. 

bhagwan shri krishna ki kahani in hindi

पूतना अगर राक्षसी के रूप में कृष्ण के पास जाती तो गोकुल के ग्वाले उसकी हत्या कर देते इसलिए उसने एक योजना बनाई. पूतना ने अपने आप को मायावी शक्ति से एक सुंदर स्त्री के रूप में परिवर्तित कर लिया जो बच्चों की धाय का काम करती है.

little krishna in hindi

इसके बाद पूतना ने अपने स्तनों पर एक विषैला पदार्थ लगा लिया. पूतना यह नहीं जानती थी कि कृष्ण ने किस घर में जन्म लिया है इसलिए वह गोकुल और वृंदावन के सभी नवजात बच्चों की जान लेने लगी. वह हर नवजात के घर जाती और उसे अपनी जहरीला दूध पिला कर उसकी हत्या कर देती.

गोकुल में हाहाकार मच गया. सब लोग अपने बच्चों को बहुत ही सुरक्षा में रखने लगे. पूतना को जब यह पता लगा कि नंद गांव के प्रधान नंद जी के घर भी एक पुत्र ने जन्म लिया है तो वह कृष्ण के पास पहुंच गई. यशोदा माता किसी काम में व्यस्त थी.

पूतना ने मौका पाकर कृष्ण को उठा लिया और उन्हें दुग्धपान कराने लगी. बाल कृष्ण ने अपनी लीला दिखाई कि पूतना को तीव्र दर्द होने लगा. वह कृष्ण को लेकर आकाश में उड़ने लगी. लोगों ने कौतूहल से उसको देखना शुरू कर दिया क्योंकि भगवान कृष्ण के चमत्कार से उसकी माया खत्म हो गई थी और पूतना अपने वास्तविक स्वरूप में आ गई थी.

माता यशोदा ने जब देखा की कन्हैया उस राक्षसी की गोद में है तो वह मुर्छित हो गई. ग्वाले अपने प्रधान के पुत्र की रक्षा के लिए लाठियां लेकर दौड़े लेकिन आकाश में उड़ती पूतना के पास नहीं पहुंच सके.

कृष्ण ने अपनी लीला दिखाई और पूतना की छाती पर इतनी जोर से अपने पैर से प्रहार किया कि उसके प्राण पखेरू उड़ गए और वह धरती पर आ गिरी. पूतना के वध से गोकुल में हर्ष का माहौल छा गया. पूरे गोकुल में यह खबर फैल गई कि नंद जी के यहां एक चमात्करिक बालक ने जन्म लिया है.

कंस को जब पूतना के वध की जानकारी मिली तो वह बौखला गया और समझ गया कि इस चमत्कारी बालक को साधारण तरीके से नहीं मारा जा सकता है और वह कृष्ण को मारने के नये उपाय खोजने लगा.


यह भी पढ़िए:
पंचतंत्र की कहानियां

No comments:

Post a Comment

Bottom Ad [Post Page]