Bal krishna stories-कृष्ण की बाल लीला-कालिया नाग का मान मर्दन |
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कृष्ण की बाल लीला-कालिया नाग का मान मर्दन
कृष्ण का जन्म वृंदावन के गोकुल में हो चुका है, यह जानकर कंस की चिंता बढ़ गई. उसने कृष्ण की हत्या करवाने के लिए कई प्रयास किए, पहले पूतना राक्षसी को भेजा, बकासुर और अन्य कई राक्षसों को भेजा लेकिन कृष्ण ने अपनी लीला दिखाई और सभी राक्षसों का वध कर दिया.
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कृष्ण जब थोड़े बड़े हुए तो उन्होंने अपनी बाल लीला से गोकुल वासियों का मन मोह लिया. उन्होंने गोकुल की यमुना नदी में रहने वाले कालिया नाग का मान मर्दन किया. इसकी कथा भी बहुत रोचक है.
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यमुना में एक समय कालिया नाग अपनी पत्नियों के साथ आकर रहने लगा. उसके विष के प्रभाव से यमुना का पानी जहरीला हो गया और उसे पीकर गायें मृत्यु को शिकार होने लगी और लोगों की तबीयत खराब होने लगी. डर के मारे लोगों ने यमुना के किनारे जाना बंद कर दिया.
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एक दिन कृष्ण अपने सखाओं के साथ यमुना नदी के किनारे कंदुक क्रीड़ा कर रहे थे यानि गेंद से खेल रहे थे. खेलते-खेलते उनकी गेंद यमुना नदी में जा गिरी. सभी मित्रों के मना करने के बावजूद कृष्ण गेंद लेने के लिए यमुना नदी में कूद पड़े.
उनके मित्र तुरंत कृष्ण के घर पहुंच गए और माता यशोदा को सारा वृतांत कह सुनाया. माता यशोदा और नंद अपने पुत्र की कुशलक्षेम जानने के लिए यमुना किनारे दौड़े तो क्या देखते हैं कि उनके लल्ला का कोई चिन्ह पानी के सतह पर नहीं है. माता यशोदा यह देखकर मुर्छित होकर जमीन पर गिर पड़ी.
उधर कृष्ण ने अपनी लीला दिखाते हुए यमुना के तल पर जाकर कालिया नाग के साथ युद्ध करना शुरू कर दिया. कालिया नाग ने कृष्ण को अपने जहर से अचेत करने का प्रयास किया लेकिन कृष्ण पर कालिया नाग के जहर का कोई असर नहीं हुआ. दोनों में काफी देर तक युद्ध हुआ.
कृष्ण ने आखिर में कालिया नाग को परास्त किया और उसका वध करने के लिए अपना सुदर्शन निकाला तो कालिया नाग की धर्मपत्नियों ने कृष्ण से जीवनदान की याचना की और कृष्ण ने इस शर्त पर की कालिया नाग यमुना को सर्वदा के लिए छोड़कर चला जाएगा, उसे जीवन दान दे दिया.
कालिया नाग को पता चल गया कि भगवान कृष्ण साक्षात ईश्वर का रूप हैं. उसने कृष्ण से क्षमा याचना की और उन्हें अपने फन पर बैठाकर सतह पर ले आया. कृष्ण ने गोकुल वासियों का भय दूर करने के लिए कालिया के फन पर नृत्य किया. सभी गोकुल वासी उनकी जय-जयकार करने लगे और गोकुल वासियों को कालिया नाग के जहर से मुक्ति मिल गई. कृष्ण के चमत्कार की जानकारी कंस तक पहुंची तो वह और अधिक भयभीत हो गया.
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