Lion and Mouse Story In hindi |
पंचतंत्र की कहानियां- शेर और चूहे की कहानी
Lion and Mouse Story hindi- शेर और चूहे की यह कहानी पंचतंत्र की बहुत ही मशहूर कहानी है. इस कहानी की शुरूआत होती है जब एक चूहा अपना घर उस गुफा में बना लेता है जहां जंगल का राजा शेर रहता था. चूहा जानता था कि शेर की वजह से कोई दूसरा जंगली जानवर वहां आने की हिम्मत नहीं करेगा और वह तथा उसका परिवार सुरक्षित रहेगा.
चूहा अपने बिल से तभी निकलता था जब शेर शिकार पर गया होता था और शेर के लौटने से पहले ही वह अपने बिल में लौट आता था और इसी तरह उसके दिन बहुत मजे से गुजर रहे थे. सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन एक दिन बहुत गड़बड़ हो गई. शेर अपने शिकार से जल्दी ही गुफा में लौट आया. चूहे को यह बात मालूम नहीं थी और जब वह लौटा तो शेर ने उसे देख लिया और एक झपट्टा मार कर उसे अपने पंजो में दबोच लिया.
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चूहा समझ गया कि आज उसके जीवन का अंतिम दिन है और उसे कोई नहीं बचा सकता है. चूहे ने शेर से विनती कि की महाराज मैं अदना सा चूहा हूं, मुझ को मार कर आपको कोई लाभ नहीं होने वाला है लेकिन अगर आप मेरे प्राण बख्श देंगे तो हो सकता है, मैं आपके किसी काम आ जाउं. शेर हंसा और कहा कि तुम जैसा छोटा सा प्राणी मुझ बड़े, विशाल और बहादुर शेर के क्या काम आ सकता है. जाओं मैं तुम्हारे प्राण बख्शता हूं. चूहे ने शेर का धन्यवाद दिया और अपने बिल में लौट गया.
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इस घटना के कुछ दिन बाद एक शिकारी जंगल में जाता है और शेर को पकड़ने के लिए जाल बिछाता है. शेर के जाल को बिछाने के बाद वह अपने गांव वापस लौट जाता है और अगले दिन आने की सोचता है ताकि फंसे हुए शेर को राजा को बेच को बड़ा इनाम पा सके.
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उस जंगल का राजा शेर शिकार की तलाश में घूम रहा होता है. तभी उसे एक हिरन दिखाई देता है. वह उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ता है. हिरन दौड़ते हुए उस तरफ चला जाता है जहां शिकारी ने शेर को पकड़ने के लिए जाल बिछा रखा होता है. शेर भी उसके पीछे जाता है और उस जाल में फंस जाता है. जाल में फंसने के बाद शेर बहुत छटपटाता है. अपनी पूरी ताकत लगा देता है लेकिन जाल से निकल नहीं पाता है.
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बहादुर और ताकतवर शेर एक जाल के सामने बेबस हो गया था. शेर को समझ में आ गया कि अब उसे बंदी बनने से कोई नहीं रोक सकता. हो सकता है कि शिकारी उसकी खाल के लिए उसकी जान ही ले ले. शेर को अपना अंतिम समय आता दिखाई दिया. उसने खूब जोर से दहाड़ लगाई लेकिन उसकी आवाज जंगल में कौन सुनता.
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शेर की दहाड़ सुनकर चूहा वहां पहुंच गया. चूहे ने शेर से कहा महाराज आप बिल्कुल न घबराए, ये जाल मेरे तेज दांतो के आगे कुछ भी नहीं है. मैं अभी इन्हें कुतर कर आपको इस बंधन से आजाद करवाता हूं. देखते ही देखते चूहे ने पूरा जाल काट दिया और शेर आजाद हो गया. आजाद होने के बाद शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया. चूहे ने कहा कि महाराज एक दिन आपने मेरी जान बख्श दी थी, आपका मेरे पर एहसान था जिसे मैंने आज चुका दिया है. शेर को समझ में आ गया कि अच्छाई का बदला अच्छाई से ही मिलता है.
Moral of the Story
शिक्षा: छोटे से छोटा व्यक्ति भी बड़े काम आ सकता है, इसलिए सबकी भलाई कीजिए और आपके साथ भी अच्छा होगा.
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