dayan image |
डायन की कहानी - जो लोगों के बच्चे मार डालती थी
डायन dayan maa की कहानियां बहुत पुराने समय से लोगों में कही सुनी जाती है. यहां दी जा रही डायन की कहानी भी ऐसी ही एक लोक मान्यता पर आधारित है. इस लोक मान्यता के अनुसार एक गांव था, उसके जमींदार की दो पत्नियां थी. दरअसल पहली पत्नी को जब लंबे समय तक कोई बच्चा नहीं हुआ तो उसने ही अपनी सगी बहन से अपने पति की शादी करवा दी. छोटी बहन को दो साल बाद एक बेटी हुई लेकिन जमींदार को तो बेटे की चाहत थी.
कहते हैं ईश्वर के घर देर हैं, अंधेर नहीं. पहली पत्नी यानि बड़ी बहन कुछ समय बाद गर्भवती हो गई. समय पूरा होने पर उसने एक सुंदर बेटे को जन्म दिया. छोटी बहन को अब यह डर सताने लगा कि उसकी पूछ अब घर के नौकरानी से अधिक नहीं होगी क्योंकि एक तो वह छोटी है और दूसरे उसने बेटे की जगह बेटी को जन्म दिया. छोटी बहन के मन में कपट आ गया. वह रूप में अपनी बड़ी बहन की तुलना में अधिक थी.
छोटी बहन ने अपने पति को तरह—तरह से रिझाने का काम शुरू कर दिया. साथ ही उसने अपने पति के कान भी भरने शुरू कर दिए कि किस तरह उसकी बड़ी बहन अपने पति को रास्ते से हटाकर सारी जायदाद पर कब्जा करना चाहती है. कुछ समय बाद पति का व्यवहार बड़ी बहन से बदलने लगा. उसके साथ काफी बुरा व्यवहार किया जाने लगा. घर के सारे अधिकार उससे छीनकर छोटी बहन को दे दिए गए. बड़ी बहन को घर की नौकरानी बनाकर रखा जाने लगा.
हद तो तब हो गई जब बड़ी बहन से उसका बच्चा छीन लिया गया. बच्चा अब छोटी बहन को दे दिया गया. छोटी बहन को अपनी बड़ी बहन के बच्चे से नफरत थी. वह उसको खूब परेशान करती और उसका ध्यान भी नहीं रखती. बड़ी बहन अपने बच्चे को मिलने के लिए तड़पती लेकिन छोटी बहन उसे नहीं मिलने देती. मां और बच्चा दोनों एक दूसरे की जुदाई ज्यादा दिन बर्दाश्त नहीं कर पाए. पहले बच्चे ने इस दुनिया को अलविदा कहा. बच्चे के गम में बड़ी बहन भी दुनिया छोड़कर चली गई.
dayan ki kahani
मरने से पहले बड़ी बहन ने एक लंबा खत लिखा. इस खत में उसने पूरे गांव वालों को बताया कि किस तरह उसकी छोटी बहन और उसके पति ने उस पर और उसके बच्चे पर अत्याचार किए. उसने खत में लिखा कि वह यह शरीर जरूर छोड़ रही है लेकिन वह इस अपराध का बदला लेने के लिए वापस आएगी. गांव वालो ने भी इस अत्याचार को चुपचाप देखा इसलिए उनको भी इस अपराध की सजा भुगतनी होगी. बड़ी बहन ने पूरे गांव को श्राप दिया कि अब वहां कोई बच्चा अपना पहला जन्म दिन नहीं मना पाएगा.
dayan meaning
शुरू-शुरू में तो लोगों ने इसे एक औरत का मरने से पहले का गुस्सा माना लेकिन जल्दी ही उनकी गलतफहमी दूर हो गई. बड़ी बहन डायन real dayan बन चुकी थी. वह कई लोगों को दिखाई देती थी. सबसे पहले वह घोड़ो के अस्तबल की सफाई करने वाले नौकर को दिखाई दी. उसने बड़ी बहन को अस्तबल की छत से उल्टा लटकते हुए देखा. डर के मारे उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि उसके गले से आवाज नहीं निकल पाई. वो बेहोश हो गया.
डायन का बदला शुरू हो गया और जल्दी ही जमींदार बीमार रहने लगा. वह रात को नीम बेहोशी में बड़ी बहन को आवाज लगाता. वैद्य—हकीम की कोई दवाई काम न करती. उसके पूरे शरीर में घाव हो गए जिसमें से मवाद निकलती रहती. इस कदर बदबू आती कि कोई नजदीक नहीं जा पाता. छोटी बहन को भी चमड़ी का रोग हो गया और पूरे शरीर में खुजली होती रहती. वैद्यो और हकीमो ने उसकी बेटी को उससे दूर रहने को कहा ताकि यह बीमारी उसकी बेटी को न हो. छोटी बहन खूब माफी मांगती और मिन्नते करती कि डायन बनी उसकी बड़ी बहन उनको माफ कर दे, बख्श दे.
डायन ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया था. गांव में हैजा फैला और जितने छोटे बच्चे थे सब के सब काल के गाल में समा गए. गांव वाले समझ गए कि अब इस गांव में रहना नामुमकिन है तो वे अपने माल—असबाब लेकर गांव से भाग गए. गांव में कुल मिलाकर तीन लोग रह गए. जमींदार उसकी बीवी और उसकी बेटी. एक दिन सुबह—सुबह बेटी की लाश घर के कुएं में मिली. कहते हैं कि जमींदार नींद में ही चल बसा और उसकी बीवी कई दिनों तक अपने घर में दाने—दाने को मोहताज होकर मरी.
अब उस गांव में कोई नहीं रहता. वहां झाड़िया और पेड़ उग आए हैं. लोग मानते हैं कि वो डायन आज भी वहां रहती है और इंतजार करती है कि कोई आए तो उसके बच्चे की जान ले ले. वहां से गुजरने वाले लोगों को आज भी एक औरत अक्सर दिखाई देती है जो उस पुरानी हवेली के खंडहरो में बस यूं ही भटकती रहती है.
नोट: यह एक काल्पनिक कथा है जो सिर्फ मनोरंजन के लिए यहां दी जा रही है. इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है. हम डायन प्रथा और डायन जैसे अंधविश्वास का समर्थन नहीं करते हैं.
Tags: nazar dayan, dayan serial, dayan ki nazar, dayan in hindi, dayan ki kahani, dayan meaning, ek thi dayan, dayan picture, dayan natak, real dayan, dayan image, dayan maa
No comments:
Post a Comment