Dilip Kumar Biogrpahy in hindi |
Dilip Kumar Short Biography-दिलिप कुमार की संक्षिप्त जीवनी
Dilip Kumar - दिलिप कुमार को बाॅलीवुड का ट्रेजडी किंग कहा जाता है. उन्होंने अपनी अभिनय प्रतिभा से अपनी भूमिकाओं में जान डाल दी. दिलिप कुमार का वास्तविक नाम मुहम्मद युसुफ खान है. उनका जीवन किसी परिकथा से कम नहीं है.
dilip kumar birthday- दिलिप कुमार का जन्म 11 दिसम्बर 1922 को dilip kumar age 95 years पाकिस्तान के खैबर पख्तुनवा में हुआ. विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया और यहीं बस गया. दिलिप कुमार जब भारतीय सिनेमा में काम करने आए, उस समय भारतीय सिनेमा पर पारसी थियेटर का बहुत गहरा प्रभाव था और ज्यादातर भूमिकाएं बहुत ही नाटकीय तरीके से निभाई जाती थी.
dilip kumar movies
दिलिप कुमार को रियलिस्टिक एक्टिंग को बाॅलीवुड में लाने के लिए जाना जाता है. dilip kumar first movie उनकी पहली फिल्म ज्वार भाटा 1944 में रिलिज हुई. अपने लंबी फिल्मी करिअर में दिलिप कुमार ने करीब 65 फिल्मों में काम किया. उनकी फिल्में अंदाज, बाबूल, दीदार, आन, दाग, देवदास, आजाद, नया दौर, यहूदी, मधुमति और कोहिनूर को बड़े पैमाने पर सफलता मिली.
मुगले आजम ने दिलिप कुमार को भारतीय सिनेमा में हमेशा के लिए अमर कर दिया और इस फिल्म में निभाया गया सलीम का किरदार लोगों के जेहन में हमेशा के लिए बस गया. इसके बाद इनकी आई इनकी फिल्म गंगा-जमुना ने तो तहलका मचा दिया और दिलिप कुमार लगातार सफलता देने वाले अभिनेता बन गए. राम और श्याम से हिंदी सिनेमा में डबल रोल वाले कैरेक्टर की परम्परा शुरू हुई.
1976 में दिलिप कुमार ने फिल्मों से ब्रेक लिया और अगले पांच साल तक किसी फिल्म में काम नहीं किया. इसके बाद आई फिल्म क्रांति में उन्होंने अपने अभिनय का लोहा फिर मनवा दिया. शक्ति, कर्मा मशाल और सौदागर ने सफलता के नये कीर्तिमान रचे. 1998 में उनकी आखिरी फिल्म किला आई जो बाॅक्स आॅफिस पर कोई खास कमाल नहीं कर सकी.
दिलिप कुमार ने 9 बार बेस्ट एक्टर का फिल्म फेयर अवार्ड जीता. आलोचक उन्हें हिंदी सिनेमा का सबसे बेहतरीन अभिनेता मानते आए हैं. उनके बाद उनकी अभिनय शैली की नकल करने के आरोप बाॅलीवुड के बड़े-बड़े अभिनेताओं पर लगे.
dilip kumar and saira banu
दिलिप कुमार का पारिवारिक जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा. दिलिप कुमार और मधुबाला के बीच लंबे समय तक रिश्ता रहा लेकिन उनका विवाह नहीं हो सका. एक समय ऐसा आया जब लोगों को लगने लगा कि दिलिप कभी शादी नहीं करेंगे तभी उन्होंने अपने से 22 साल छोटी सायराबानो dilip kumar wife से निकाह कर लिया. dilip kumar children -उनकी कोई संतान नहीं है.
भारत सरकार ने उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए 1994 में दादा साहब फाल्के अवार्ड से नवाजा. इससे पहले उन्हें 1991 में नागरिक सम्मान पद्म भूषण से दिया गया. nishan e imtiaz dilip kumar पाकिस्तान ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से 1997 में नवाजा. भारत सरकार ने दिलिप कुमार को 2015 में दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया. फिलहाल दिलिप कुमार अपने पत्नी सायरा बानों के साथ मुंबई के पाली हिल में रहते हैं.
Famous Dialogue of Dilip Kumar - दिलिप कुमार के मशहूर संवाद
जब जिंदगी दौड़ती है तो रगो में बहता हुआ खून भी दौड़ता है- फिल्म क्रांति
कुल्हाड़ी में लकड़ी का दस्ता न होता तो लकड़ी के कटने का रास्ता न होता- फिल्म क्रांति
dilip kumar best dialogue
एक क्रांति मरेगा तो हजार क्रांति पैदा होंगे- फिल्म क्रांति
शेर को अपने बच्चों की हिफाजत के लिए शिकारी कुत्तो की जरूरत नहीं होती- फिल्म कर्मा
तुम्हारी जिंदगी मेरे हाथ में है और तुम्हारी मौत भी- फिल्म कर्मा
हक हमेशा सर झुका कर नहीं, सर उठाकर मांगा जाता है- फिल्म सौदागर
पुराने जख्मों को अगर तुम कुरेदेगो तो खुन के फव्वारे निकलेंगे राजेश्वर- फिल्म सौदागर
तुम्हारा धरम तो पैसा है कुंदर बाबू पैसा, मगर हम दया के भिखारी नहीं है- नया दौर
कौन कमबख्त बर्दाश्त करने के लिए पीता है, मैं तो पीता हूं कि बस सांस ले सकूं..- देवदास
होश से कह दो, कभी होश न आने पाए- देवदास
डूबती हुई कश्ती में भागने वाले कभी साहिल का मुंह नहीं देखते- लीडर
मेरा दिल भी आपका कोई हिन्दुस्तान नहीं, जिसपर आप हुकुमत करें- मुगलेआजम
इन पैरों को जमीन पर न रखो, मैले हो जाएंगे- mughal-e-azam dilip kumar
dilip kumar ke purane gane- दिलिप कुमार के सदाबहार गीत
dilip kumar best songs list
- ये मेरा दीवानापन है, या मोहब्बत का खुमार- यहूदी
- हुए हम जिनके लिए बेकरार- दीदार
- दिल तड़प-तड़प के- मधुमति
- आज की रात मेरे दिल के साथ- राम और श्याम
- खुदा निगहबान हो- मुगले आजम
- मधुबन में राधिका नाची- कोहिनूर
- दो सितारों का जमीन पर - कोहीनूर
- टकरा गए तुमसे- आन
- कोई सागर दिल को बहलाता नहीं- दिल दिया दर्द लिया
- मेरे पैरों में घुंघरू- संघर्ष
- साला मैं तो साहब बन गया- राम और श्याम
- उड़े जब-जब जुल्फे तेरी- नया दौर
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