Chanakya biography in hindi |
Chanakya Biography in hindi
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चाणक्य का भारत की राजनीति और इतिहास पर बहुत गहरा प्रभाव है. chanakya history in hindi को समझकर हम उस काल और चाणक्य के बुद्धिमता की जानकारी हासिल कर सकते हैं. चाणक्य ने नंद से अपमानित होने के बाद अपनी शिखा खोली और कमस खाई की नंद वंश के विनाश तक अपनी चोटी नहीं बांधेंगे. उन्होंने एक साधारण परिवार के बालक चंद्रगुप्त मौर्य को अपनी कूटनीति जिसे चाणक्य कूटनीति कहते हैं के माध्यम से भारत का सम्राट बना दिया.
चाणक्य का जन्म और प्रारंभिक जीवन
चाणक्य का जन्म 375 ईसा पूर्व तक्षशिला नगरी में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम चणक था इसलिए इन्हें चाणक्य कहा जाता है. कूटनीति में पारंगत होने के कारण इन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है. चाणक्य का असली नाम विष्णुगुप्त था. विष्णुगुप्त एक कर्मकान्डी ब्राह्म्ण थे और ईश्वर सेवा से अपना जीविकोपार्जन करते थे.
326 र्इसा पूर्व सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण किया. तक्षशिला भी सिकन्दर के हमलों से प्रभावित हुआ. सिकन्दर के हमलों से राष्ट की रक्षा के लिए अपनी सेवा देने के लिए जब चाणक्य तक्षलिका के सम्राट नंद के दरबार में पहुंचे तो नंद ने उनका अपमान किया और उन्हें राजदरबार से निकलवा दिया. अपमानित होने के बाद चाणक्य ने अपनी चोटी की गांठ खोली और कसम ली कि नंद वंश का नाश कर देंगे.
चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य
भारत का नया सम्राट चुनने के लिए चाणक्य ने एक योग्य बालक की खोज शुरू की. अपनी खोज के दौरान उनकी मुलाकाता चंद्रगुप्त मौर्य से हुई. चन्द्रगुप्त अपने साथियों के साथ एक खेल खेल रहा था. जिसमें वह राजा बना उसके कुछ साथी सिपाही बने थे और कुछ मित्र फरियादी बने थे. फरियादी बारी—बारी से अपनी फरियाद राजा बने चन्द्रगुप्त मौर्य के पास लेकर जाते थे और चन्द्रगुप्त मौर्य न्याय करता था. चाणक्य ने इस खेल के दौरान चन्द्रगुप्त मौर्य के न्यायप्रियता को देखा और उसे भारत का सम्राट बनाने के लिए 12 वर्ष तक तक्षशिला में शिक्षा दी.
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चाणक्य कूटनीति की कहानियां
चाणक्य ने अपनी कूटनीति से छोटे—छोटे राज्यों को एक किया और चन्द्रगुप्त मौर्य के नेतृत्व में नंदों से युद्ध किया. इस लड़ाई में नंद पराजित हुए और उनका सफाया हो गया. चन्द्रगुप्त मौर्य तक्षशिला का सिहासन पर बैठे और भारत के नये सम्राट बने. चन्द्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य को अपना प्रधानमंत्री न्युक्त किया. चाणक्य ने अपनी राजनीति से पुरे भारत पर मौर्य वंश का शासन स्थापित करवा दिया.
भारतवर्ष सम्राट का प्रधानमंत्री होने के बावजूद चाणक्य ने बहुत साधारण जीवन बिताया. उनके साधा जीवन पर चाणक्य की कहानी बहुत मशहूर है. एक बार एक आदमी चाणक्य से मिलने गया. रात का समय था चाणक्य दीया जलाकर सरकारी खाते में कुछ लिख रहे थे. व्यक्ति के पहुंचते ही चाणक्य ने दीया बुजा दीया और एक दुसरा दिया लेकर उस जलाया और व्यक्ति से आने का कारण पुछा बात—चित हो जाने के बाद व्यक्ति ने जब चाणक्य से एक दीया बुझाकर दूसरा दीया जलाने का कारण पुछा तो चाणक्य ने कहा. पहले जो दीया जल रहा था उसके तेल का खर्च मैं राजकोष से लेता है इसका उपयोग मैं राजकार्य के दौरान ही करता हूं. जबकि तुम मुझसे निजी कार्य के लिए मिलने आये हो इसलिए मैंने वह दीया बुझाकर अपने वेतन से चलने वाला दीया जलाया.
चाणक्य की मृत्यु कैसे हुई?— how chanakya died hindi
चाणक्य लम्बे समय तक मौर्य साम्राज्य की सेवा करते रहें. चन्द्रगुप्त मौर्य के बाद उसके पुत्र बिन्दूसार को भी अपनी सेवाएं दी. अधिक बुढ़े हो जाने के कारण अपने अंत समय में चाणक्य वानप्रस्थ आश्रम में चले गये और जगंल में कुटिया बनाकर रहने लगे. यहां इन्होंने अर्थशास्त्र, चाणक्य नीति, विष्णुगुप्त ज्योतिष शास्त्र जैसे ग्रंथों की रचना की. यहीं पर 283 ईसा पूर्व चाणक्य की मृत्यु हो गई.
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