hindi ki kahani, kahani in hindi, kahani hindi me, hindi story, hindi song, hindi kahani download, kahani hindi mai, hindi prem kahani, story in hindi, kahaniya hindi, hindi khani, kahani for child in hindi, kahani hindi mai, hindi kahani cartoon, bolti kahani

Full width home advertisement


Premchand Stories

Love Stories

Post Page Advertisement [Top]


narendra modi wife, narendra modi biography, narendra modi education, narendra modi ka jeevan parichay in hindi, narendra modi in hindi essay,  narendra modi ke pita ka naam, narendra modi in hindi speech, narendra modi ki jati, success story of narendra modi in hindi, narendra modi ke baare mein, pm narendra modi kaha ke rahne wale hai
Narendra Modi Short Biography in Hind

Narendra Modi Biography Hindi-नरेन्द्र मोदी की संक्षिप्त जीवनी


narendra modi in hindi essay- नरेन्द्र मोदी भारत के 14वें प्रधानमंत्री है. उन्होंने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया. नरेन्द्र मोदी को भाजपा को सत्ता में लाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी उल्लेखनीय सेवाएं दी, जिसकी वजह से भाजपा ने 2013 में उन्हें अपने प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया.

Narendra Modi Age

नरेन्द्र मोदी का पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी है. उनका जन्म 17 सितम्बर 1950 को तत्कालीन बाॅम्बे स्टेट के वड़नगर में हुआ. अब यह गुजरात में आ गया है. narendra modi ke pita ka naam- उनके पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद मोदी और उनकी माता का नाम हीराबेन मोदी है. narendra modi ki jati- नरेन्द्र मोदी गुजरात के घांची समुदाय से आते हैं.

narendra modi ka jeevan parichay in hindi


नरेन्द्र मोदी के पिता वड़नगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम करते थे, नरेन्द्र मोदी भी अपने पिता का हाथ बंटाने लगे और वड़नगर में चाय बेचने का काम करने लगे. नरेन्द्र मोदी ने अपनी हायर सेकेण्डरी की शिक्षा वड़नगर से ही 1967 में पूरी की. बचपन से ही वे एक अच्छे भाषण कर्ता थे और स्कूल के डिबेट्स में भाग लिया करते थे.

success story of narendra modi in hindi


नरेन्द्र मोदी को थियेटर में भी इंट्रेस्ट था और वे स्कूली दिनों में नाटकों में भाग लिया करते थे. मोदी जब सिर्फ 8 साल के थे तभी उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा में जाना शुरू कर दिया था. वहीं उनकी मुलाकात लक्ष्मणराव इनामदार से हुई जो उनके राजनीतिक शिक्षक बने.

narendra modi ke baare mein


स्कूली शिक्षा को अधिक समय न देते हुए नरेन्द्र मोदी ने देशाटन और अनुभव की पाठशाला में शिक्षा ली. उन्होंने उत्तरी और उत्तर पूर्व भारत का भ्रमण किया. वे बेलूर मठ और अद्वैत आश्रम भी गए. स्वामी विवेकानंद का नरेन्द्र मोदी पर प्रबल प्रभाव रहा.

narendra modi education

एक समय ऐसा आया जब उन्होंने अपना जीवन पूरी तरह से आरएसएस को समर्पित कर दिया और प्रचारक बन गए. 1978 में नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल आॅफ ओपन लर्निंग से बीए की उपाधि प्राप्त की. 1983 में उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. यह उपाधि भी उन्होंने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ही प्राप्त की. नरेन्द्र मोदी का विवाह बचपन में ही narendra modi wife- जसोदा बेन से हो गया था लेकिन मोदी कभी भी पारिवारिक जीवन में उनके साथ नहीं रहे.

pm narendra modi kaha ke rahne wale hai


1977 में इमरजेंसी के बाद उन्हें गुजरात लोक संघर्ष समिति का अध्यक्ष बना दिया गया. उन्होंने सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का प्रबल विरोध किया और अपने संघर्ष को एक किताब संघर्ष मा गुजरात में कलमबद्ध भी किया. 1978 में मोदी को आरएएस का संभाग प्रचारक बना दिया गया. 

1979 में आरएसएस ने उनकी काबिलियत को देखते हुए दिल्ली भेज दिया.
नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक जीवन में बड़ा बदलाव तब आया जब 1985 में उन्हें आरएसएस ने भाजपा में काम करने के लिए भेज दिया. 1987 में नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद के म्यूनिसिपल चुनावों में पार्टी की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाई. इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई और मोदी को पहचान मिली.

नरेन्द्र मोदी को गुजरात में बड़ा कार्यभार 1987 में मिला और उन्हें भाजपा का गुजरात में आॅर्गनाइजिंग सेक्रेट्री बना दिया गया. 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए रथ यात्रा निकाली. नरेन्द्र मोदी ने इस यात्रा को सफल बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई. 1995 में नरेन्द्र मोदी की रणनीति से भाजपा को गुजरात के विधानसभा चुनावों में सफलता मिली. इसके बाद नरेन्द्र मोदी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया.

नरेन्द्र मोदी ने 1998 में एक बार फिर भाजपा को राजनीतिक फूट के भंवर से निकाला और पार्टी को गुजरात में जीत दिलवाई. इसके बाद उन्हें भाजपा का जनरल सेक्रेट्री बना दिया गया. 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का स्वास्थ्य खराब हुआ और पार्टी को उप चुनावों में हार का मूंह देखना पड़ा. 

भुज में आए भूकंप के राहत में भी सरकार पर अंगुलिया उठी. ऐसे में भाजपा की केन्द्रिय लीडरशिप गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर एक नये चेहरे की तलाश करने लगी. उनकी खोज नरेन्द्र मोदी पर आकर रूक गई. 3 अक्टूबर 2001 को नरेन्द्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया. 

नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री काल में सबसे ज्यादा विवादास्पद मुद्दा 2002 में तब उभरा जब गोधरा में कुछ असामाजिक तत्वों ने साबरमती एक्सप्रेस की एक कारसेवकों से भरा डिब्बा जला दिया. इसमें करीब 60 लोग मारे गए. इस घटना के बाद अहमदाबाद में दंगे भड़क उठे और कई स्थानों पर हिंसा हुई. 

नरेन्द्र मोदी पर इसके बाद आरोप लगे कि उन्होंने दंगों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए हालांकि ये आरोप कभी साबित नहीं किए जा सके और इसकी जांच के लिए बनाए गए आयोग और समितियां नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कुछ भी साबित नहीं कर सकी.

नरेन्द्र मोदी के इस्तीफे की मांग की जाने लगी लेकिन पार्टी ने उन पर अपना विश्वास बनाए रखा. 2002 में गुजरात विधानसभा को भंग कर दिया गया. चुनाव में नरेन्द्र मोदी के व्यक्त्वि का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा और भाजपा को 127 सीटों पर विजय मिली. उन्होंने स्वयं मणिनगर सीट से कांग्रेस के यतीन ओझा को 75 हजार से अधिक वोटो से मात दी.

नरेन्द्र मोदी ने 22 अक्टूबर 2002 को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. उनका दूसरा टर्म पूरी तरह गुजरात के विकास को समर्पित रहा. सरदार सरोवर बांध, साबरमति रिवर फ्रंट और वाइबंे्रट गुजरात जैसे प्रोजेक्ट्स को पूरी दुनिया में प्रसिद्धि मिली. गुजरात एक डवलपमेंट माॅडल की तरह पूरी दुनिया में उदाहरण की तरह प्रस्तुत किया जाने लगा.

2007 में एक बार फिर चुनावों मे विजयश्री मोदी के नाम रही और 23 दिसम्बर 2007 को वे तीसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने. इस समय तक ये माना जाने लगा था कि नरेन्द्र मोदी का गुजरात में कोई विकल्प नहीं है और नरेन्द्र मोदी को एक राष्ट्रीय नेता के रूप में देखा जाने लगा था.

नरेन्द्र मोदी को 2012 में हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में फिर जीत मिली और इसी के साथ उनका नाम भारत के भावी प्रधानमंत्री के तौर पर लिया जाने लगा. 20 दिसम्बर 2012 को उन्होंने चैथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. भाजपा ने उन्हें जल्दी ही 2014 में होने वाले चुनावों के लिए अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया.

2014 के चुनावों अभियान में नरेन्द्र मोदी भारत के साथ ही पूरी दुनिया के पटल पर छा गए और पूरी दुनिया 2014 में भारत में होने वाले लोकसभा चुनावों पर नजरे गड़ा कर देखने लगी. 2014 के चुनावों में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने करिश्माई प्रदर्शन किया और सिर्फ अपने बूते पूर्ण बहुमत हासिल किया.

नरेन्द्र मोदी ने इतिहास बनाते हुए 26 मई 2014 को भारत प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद से वे लगातार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में फैसले ले रहे हैं. नोटबंदी, जीएसटी और सर्जिकल स्ट्राइक उनके बड़े फैसलों में शामिल है.

No comments:

Post a Comment

Bottom Ad [Post Page]