Motivational Stories of Osho in Hindi- ओशो की कहानियां— दृष्टि |
Motivational Stories of Osho
Osho Stories in Hindi
ओशो की प्रेरक कहानियां-दृष्टि
" मैं विद्यार्थी था। मेरे जो शिक्षक थे, उनका मुझसे अति प्रेम था। एम. ए. की अंतिम परीक्षा, उन्होंने मुझे कहा कि खयाल रखना, जो किताबों में लिखा है वही लिखना; रत्ती— भर इधर—उधर की बात मत करना. तुम्हें गलत भी मालूम पड़े, तो भी वही लिखना जो किताबों में लिखा है.
Osho in hindi speech
मुझे जानते थे कि मैं वही लिखूंगा जो मुझे ठीक लगता है. मैंने वही लिखा भी जो मुझे ठीक लगता है. मगर परीक्षा में जो लिखा गया था, वह तो उन्होंने किसी तरह सम्हाल लिया. फिर एक मुखाग्र परीक्षा भी थी अंतिम.
Osho quotes in Hindi about life
उसमें तो उन्होंने मुझे बहुत समझाया, कि अब तो दूसरे विश्वविद्यालय के शिक्षक आ रहे हैं; अब मेरे हाथ में बात नहीं है. अब तो तुम ठीक वही कहना जो किताब में लिखा है, नहीं तो मैं भी कुछ सहायता नहीं कर सकूंगा.
Osho thoughts in hindi about love
वे शिक्षक आये; अलीगढ़ विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र के प्रधान थे, बुजुर्ग थे. उन्होंने मुझसे पहला ही प्रश्न पूछा कि भारतीय दर्शन की क्या विशिष्टता है? मैंने उनसे कहा कि दर्शन भी भारतीय और अभारतीय हो सकता है? मेरे प्रोफेसर मेरे पास ही बैठे थे, वे मेरी टांग में टांग मारने लगे कि तुम्हें जवाब देना है, तुम्हें सवाल नहीं पूछना है. जब मैंने उनकी टांग की कोई फिक्र न की तो वे मेरा कुर्ता खींचने लगे.
Osho quotes in Hindi about life
तो मैंने अलीगढ़ से आये हुए प्रोफेसर को कहा कि मैं बहुत अड़चन में हूं मैं आपका उत्तर दूं कि मेरे प्रोफेसर टांग में टांग मारते हैं, मेरा कुर्ता खींचते हैं, मैं इनकी फिक्र करूं? मेरे शिक्षक तो बहुत घबडा गये. उन्होंने कहा. यह भी कोई कहने की बात थी! मैंने कहा कि भारतीय दर्शन और गैर-भारतीय दर्शन, ऐसा भेद हो नहीं सकता; दर्शन तो दर्शन है.
Osho Hindi collection
दर्शन का अर्थ है दृष्टि. तो फिर जीसस की हुई कि कृष्ण की, भेद क्या होगा? सफेद चमडीवाला देखे कि काली चमडी वाला देखे, भेद क्या होगा? चमड़ी से कुछ आंखों के रंग बदल जायेंगे, देखने के ढंग बदल जायेंगे?
Osho Pravachan hindi
जिन्होंने पश्चिम में भी देखा है उन्होंने वही देखा है जो पूरब में देखा है. हेराक्लाइटस ने वही देखा जो बुद्ध ने देखा. पाइथागोरस ने वही देखा जो पार्श्वनाथ ने देखा; जरा भी भेद नहीं है.
osho in hindi download
और जिन्होंने भिन्न-भिन्न देखा, वे सब अंधे हैं. आँख वालों ने एक ही देखा। तो मैंने उनसे पूछा : अगर दर्शनशास्त्र में आँख वालों की ही गिनती करो तो कभी भी, कहीं भी, किसी ने देखा हो तो एक ही बात देखी है। और अगर अंधों की भी गिनती करते हो, तब तो फिर हिसाब लगाना बहुत मुश्किल हो जायेगा. पर अंधों की गिनती दर्शनशास्त्र में होनी ही नहीं चाहिए, दर्शनशास्त्र में तो सिर्फ द्रष्टाओं की गिनती होनी चाहिए.
मेरे प्रोफेसर को तो पक्का हो गया कि यह परीक्षा गयी! मगर अलीगढ़ से आये उन बुजुर्ग को बात बहुत जमी. उन्होंने कहा : मैंने कभी सोचा ही नहीं था इस तरह कि यह भेद ठीक नहीं है. हमने तो मान ही लिया है कि भारतीय दर्शन, पाश्चात्य दर्शन… तुम्हारा उत्तर किताब का तो नहीं है, मगर उत्तर सही है. उन्होंने मुझे निन्यान्नबे अंक दिये सौ में से. मैंने पूछा : एक आपने कैसे काटा? कुछ गलती हो तो मुझे आप बता दें.
उन्होंने कहा : नहीं, तुम्हारी गलती के लिए नहीं काटा है, यह तो केवल अपनी रक्षा के लिए कि लोग सोचेंगे कि मैंने पक्षपात किया है, सौ के सौ दे दिये! सौ ही देने चाहिए. मुझे क्षमा करो, दिये नहीं जाते. सौ ही दिये जाने चाहिए, मगर दिये नहीं जाते नियम से. अगर मैं सौ के सौ दे दूं तो ऐसा लगेगा कि कुछ पक्षपात किया है, इसलिए निन्यान्नबे दे रहा हूं.
एक पंडित है, लकीर का फकीर है. जैसा किताब में लिखा है, तोते की तरह दोहरा देता है. न सोचता, न विचार करता; न मनन है, न चिंतन है, न ध्यान है. वह विद्यार्थी है. विद्यार्थियों से सावधान रहना; उन्हें तो अभी स्वयं ही पता नहीं है."
ओशो, मरो है जोगी मरो
ओशो
ओशो के सभी प्रवचन की सूची के लिए क्लिक करें
No comments:
Post a Comment