अकबर-बीरबल की कहानी- और क्या फुर्र....
अकबर को कहानियां सुनने का बड़ा शौक था और रोज किसी न किसी दरबारी को बादशाह को कहानी सुनाने का काम सौंपा जाता था. रात होते ही बादशाह अपने सेज पर कहानी सुनने के लिए आराम से लेट जाते और दरबारी को एक कुर्सी दे दी जाती. बादशाह रात भर कहानी सुनते और दरबारी को रात भर कोई न कोई कहानी सुनाते हुए बादशाह का मनोरंजन करना पड़ता.
akbar birbal stories, akbar birbal hindi, akbar and birbal, akbar birbal in hindi, akbar and birbal stories, akbar birbal story hindi, hindi story
एक दिन बीरबल को इस काम को बुला लिया गया. बीरबल जानता था कि बादशाह को लंबी कहानी सुनने का शौक है. बीरबल को कहानी सुनाने में कोई रूचि नहीं थी, ऐसे में उसने सोचा कि कुछ जुगत लगाई जाए कि वह कहानी भी सुनाए और बादशाह परेशान भी हो जाए. ताकि उसे इस काम से हमेशा के लिए छुट्टी मिल जाए.
बीरबल ने कहानी की शुरूआत की. आलमपनाह! बहुत समय पहले की बात है. एक बार एक किसान के हाथ जादूई बीज लग गए और उससे इतनी ज्यादा फसल हो गई कि उसके पास रखने के लिए जगह न बची. इस अनाज को सुरक्षित रखने के लिए उसने एक बहुत विशाह भंडार घर बनावाया.
akbar birbal stories- story telling
बादशाह ने पूछा, फिर क्या हुआ. बीरबल ने भी कहानी आगे बढ़ाई. उस भंडार घर के अनाज को कीड़े-मकोड़ो और चूहो से बचाने के लिए किसान ने कोई दरवाजा नहीं रखा. लेकिन देवयोग के आगे कौनसी युक्ति टिकती है. सभी कोशिशों के बावजूद भंडार के छत पर एक सुराख बाकि रह गया.
इस सुराख पर एक चिड़िया की नजर पड़ी और वह उस रास्ते भंडार घर में घुस गई. अपने चोंच में दाना दबाया और फुरर्र...इसी तरह उस पर दूसरी चिड़िया की नजर गई और उसने भी अंदर घुस कर अपने चोंच में दाना दबाया और फुरर्र...फिर तीसरी चिड़िया...
humorous stories of akbar and birbal, birbal akbar ki kahani, akbar birbal ki story, kahani, akbar or birbal story in hindi, akbar birbal kahaniya
बादशाह ने पूछा कि हां बीरबल फिर क्या हुआ. बीरबल ने जवाब दिया. महाराज फिर वहां चिड़ियाओं का अंबार लग गया. अब इतनी चिड़ियाओं को इतने भंडार से दाना निकालने में रात तो लग ही जाएगीकृ
बादशाह समझ गया कि बीरबल कहानी सुनाने से बचने की जुगत लगा रहा है. लेकिन वह कहानी भी सुना रहा है. बादशाह ने उससे कहा तो ठीक है बीरबल जब सारी चिड़िया फुरर्र हो जाए तभी तुम कहानी सुनाने आना. तब तक मेरे पास आने की जरूरत नहीं है.
बीरबल ने अपनी बुद्धिमानी से इस कहानी सुनाने के काम से अपना पीछा छुड़ाया और बादशाह नाराज भी नहीं हुए. बीरबल ने अपनी समझदारी से एक बार फिर सांप भी मार दिया और लाठी भी नहीं टूटी.
akbar birbal short stories, stories of akbar and birbal, story of akbar and birbal, akbar aur birbal, akbar birbal ni varta, akbar birbal ke kisse se, akbar aur birbal ki kahani
सभी कहानियों की सूची के लिए क्लिक करें
सभी कहानियों की सूची के लिए क्लिक करें
No comments:
Post a Comment