ravana and kuber relation in hindi |
Relationship between ravana and kuber
रावण कुबेर का कौन था?
रावण कुबेर का कौन था? kuber relation with ravana यह प्रश्न अक्सर पूछा जाता है. सब जानना चाहते हैं कि रावण और कुबेर के बीच संबंध क्या है? kuber and ravana relationship दरसअल कुबेर रावण के सौतेले बड़े भाई थे. रावण के पिता यानी महर्षि विश्रवा ने दो शादिया की थी. उनकी पहली शादी भरद्वाज पुत्री ईड़विड़ा से हुई थी. ईड़विड़ा कुबेर की माता बनी. महर्षि विश्रवा ने दूसरी शादी राक्षस कुल की कन्या कैकसी से की थी. कैकसी से रावण, विभिषण और कुंभकर्ण का जन्म हुआ.
kuber and ravana relation
कुबेर अपने गुणों के कारण महर्षि विश्रवा के प्रिय थे. उन्होंने अपने पुत्र से प्रसन्न होकर उन्हें लंका का अधिपति बनाया. अपने पराक्रम और गुणों के बल पर कुबेर ने लंका को सोने की लंका में बदल दिया. रावण इस बात से अप्रसन्न था कि उसके पिता ने लंका का राजा उसके सौतेले भाई कुबेर को दे दिया. कुबेर चुंकि बहुत शक्तिशाली थे तथा यक्षों के राजा थे इसलिए उन्हें बाहुबल के माध्यम से हराना असंभव था.
relation of kuber with ravana
कुबेर से लंका का राज छीनने के लिए रावण ने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की. ब्रह्मा से अजेय होने का वरदान लेने के बाद रावण ने सबसे पहले नंदन वन पर आक्रमण कर दिया. नंदन वन देवताओं को बहुत प्रिय था. देवताओं ने रावण को सबक सिखाने के लिए उस पर हमला किया लेकिन ब्रह्मा के वरदान की वजह से उन्हें हार का मूंह देखना पड़ा. उस समय पृथ्वी पर कुबेर से अधिक शक्तिशाली अधिपति कोई न था.
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सभी देवता कुबेर के पास पहुंचे और उन्होंने रावण से नंदनवन को मुक्त करने की गुहार की. कुबेर अपने छोटे भाई से युद्ध नहीं करना चाहते थे. उन्होंने रावण को समझाने के लिए एक शांति दूत उसके पास भेजा. रावण ने कुबेर के दूत का वध करके अपने राक्षसों को खाने के लिए दे दिया.
kuber relation with ravana in hindi
रावण की इस दुष्कर्म से क्रोधित होकर कुबेर ने रावण को युद्ध के लिए ललकारा. यक्षो ने बाहुबल से युद्ध किया लेकिन ब्रह्मा के वरदान और रावण की मायावी शक्ति के आगे उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा. रावण ने कुबेर से सोने की लंका और पुष्पक विमान दोनो छीन लिए.
relationship of kuber and ravana
आहत कुबेर अपने पितामह पुलतस्य के पास गए. महर्षि पुलतस्य ने उन्हें भगवान शिव की अराधना करने का सुझाव दिया. कुबेर ने भगवान शिव की घनघोर तपस्या की. भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें कैलाश में अलका पुरी का राजा बना दिया. उन्हें उत्तर दिशा का दिक्पाल और लोकपाल बना दिया. कुबेर ने भद्रा से विवाह किया, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में एक नक्षत्र के तौर पर रूपायित किया जाता है. कुबेर के दो पुत्र मणिग्रीव और नलकुबेर हुए.
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