अलीबाबा और 40 चोर - alibaba aur 40 chor ki kahani |
अलिफ लैला की कहानियां-अलीबाबा और 40 चोर
alibaba aur 40 chor ki kahani
अलीबाबा और 40 चोर बहुत प्रसिद्ध कहानी है. बच्चों की कहानियों में खासकर अलीबाबा को बहुत कहा-सुनाया जाता है. दादी-नानी की कहानी में भी अलीबाबा का जिक्र आता है. अलीबाबा की कहानी अरेबिनयन नाइट्स किताब में पहली बार आई थी, जिसे रूडयार्ड किपलिंग ने लिखा था. उर्दु में यह किताब अलीफ लैला के नाम से जानी जाती है. अलीफ लैला या अरेबियन नाइट्स की बहुत सारी कहानियां बहुत मशहूर है, जिनमें अलीबाबा और 40 चोर के अलावा सिंदबाद जहाजी और अलादीन और जादुई चिराग की कहानियां शामिल है.
इस किताब की शुरूआत बगदाद के एक बादशाह की बेवफा बीवी से होती है, जिसकी वजह से बादशाह एक कसम खाता है कि वह रोज एक लड़की से शादी करेगा और अगले दिन उसे फांसी पर चढ़ा देगा. बगदाद की लड़कियों को मरने से बचाने के लिए बादशाह के वजीर की बेटी बादशाह से शादी करने का निश्चय लेती है.
शादी के बाद वह रोज रात को बादशाह को एक कहानी सुनाती है और उसे ऐसे मोड़ पर लाकर छोड़ देती है कि बादशाह उसे फांसी पर नहीं चढ़ा पाता. इस तरह नब्बे दिनों तक वह बादशाह को कहानी सुनाती रहती है और बादशाह को उससे मोहब्बत हो जाती है. यहां हम आपको उस किताब में से अलीबाबा और 40 चोरों की कहानी सुना रहे हैं.
alibaba aur 40 chor kahani- अलीबाबा और चालीस चोर
बगदाद के एक शहर में दो भाई रहा करते थे. मीर कासिम और अली शाह. मीर कासिम बड़ा था और अली शाह छोटा था. अली शाह को लोग अली बाबा के नाम से पुकारते थे. मीर कासिम बड़ा था इसलिए उसने धोखे से अपने पिता की पूरी जायदाद पर कब्जा कर लिया और अली बाबा को घर से निकाल दिया.
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अली बाबा ने अपने भाई से लड़ने की जगह इस बात से संतोष कर लिया कि खुदा की राह में देर है, अंधेर नहीं. अली बाबा ने घर चलाने के लिए जंगल से लकड़ी काटने का काम शुरू कर दिया. इसी तरह दिन गुजर रहे थे. एक दिन जंगल में लकड़िया नहीं मिली तो अली बाबा को जंगल के उस हिस्से में जाना पड़ा, जहां के बारे में यह मशहूर था कि वहां जिन्नात रहते हैं और डर के मारे वहां कोई नहीं जाता था.
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अलीबाबा को तो अपने घर में राशन ले जाना था इसलिए उसे लकड़ियों की सख्त जरूरत थी. एक पेड़ पर चढ़कर वह लकड़िया काटने में मस्त हो गया तभी उसे किसी के आने की आहट सुनाई पड़ी. अलीबाबा को लगा कि आज तो काम से गए क्योंकि किसी जिन्न ने उसको देख लिया है. अलीबाबा अपने आप को छुपाने के लिए पत्तो के झुरमुठ में चला गया.
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अलीबाबा छुपा हुआ था तो क्या देखता है कि 40 चोर अपने लूट के माल के साथ चले आ रहे हैं और थोड़ी दूर जाकर एक पहाड़ के सामने खड़े हो गए और उनका सरदार जोर से बोला खुल जा सिम-सिम. ये बोलते ही पहाड़ में एक गुफा का दरवाजा खुल गया और चोर उसके अंदर चले गए.
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अलीबाबा कुछ समझ पाता इससे पहले एक और आवाज आई बंद हो जा सिम-सिम और गुफा का दरवाजा बंद हो गया. अलीबाबा ने वहीं ठहर को इस माजरे को समझने की कोशिश की और थोड़ी देर बाद सारे चोर वापस निकल वहां से चले गए.
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अलीबाबा अब उस गुफा के सामने गया और जोर से बोला खुल जा सिम-सिम और गुफा का दरवाजा खुल गया. अलीबाबा अंदर गया तो क्या देखता है कि गुफा सोने चांदी, हीरे जवाहरात और कीमती चीजों से भरा हुआ है. अलीबाबा से जितना हो सका उसने माल-असबाब इकट्ठा किया और खुल जा सिम-सिम बोला. ऐसा करते ही दरवाजा खुल गया और अलीबाबा अपने गधे पर सवार होकर घर पहुंचा.
अलीबाबा ने इतना ज्यादा अशर्फिया इकट्ठी कर ली थी कि उन्हंे गिनना बहुत मुश्किल काम था इसलिए उसने इनका वजन जानने के लिए अपने भाई के घर से तराजु मंगवाया. उसके भाई की बीवी बहुत धूर्त थी और यह जानने के लिए कि आखिर इस गरीब अलीबाबा के पास ऐसी कौनसी चीज आ गई, जिसे तोलने की जरूरत आ पड़ी, उसने तराजु के तले में मोम लगा दिया, ताकि तोली जाने वाली चीज उससे चिपक जाए.
उसकी तरकीब काम कर गई और तराजू के तले में एक अशर्फी चिपक गई. मीर कासिम की बीवी ने अपने पति को बताया कि उसके भाई अलीबाबा के हाथ कोई खजाना लग गया है. मीर कासिम को जब यह बात पता चली तो वह अली बाबा के पास पहुंच गया और सच्चाई पूछी.
अलीबाबा ने अपने भाई को सारी बात बता दी. उसकी बात को सुनकर मीरकासिम भी उस गुफा के सामने पहुंच गया और बोला खुल-जा सिम-सिम. गुफा का दरवाजा खुल गया और भाई अपने गधो को अंदर ले गया ताकि उन पर लादकर ढेर सारा खजाना घर ले जा सके.
अंदर जाने के बाद इतना खजाना देखकर उसका दिमाग खराब हो गया. उसने ज्यादा से ज्यादा खजाना बटोरने की कोशिश की और इसी उधेड़बुन में वह बाहर निकलने के लिए बोला जाने वाला मंत्र ही भूल गया. कुछ देर बार 40 चोर लौट आए. मीर कासिम खुद तो छुप गया लेकिन अपने गधों को नहीं छुपा सका. चोरों को पता चल गया कि कोई अंदर आया है.
मीरकासिम को आखिर में चोरो ने खोज निकाला और उसके तीन टुकड़े करके गुफा के दरवाजे पर लटका दिया ताकि वहां आने वाले लोग डर के मारे गुफा के अंदर न आएं. जब देर रात तक मीर कासिम नहीं लौटा तो मीर कासिम की बीवी अली बाबा के पास गई और उसे सारी बात बताई.
अलीबाबा ने अपने भाई की जान बचाने के लिए गुफा की राह ली तो क्या देखता है कि उसके भाई का कत्ल हो गया है. वह अपने भाई को लेकर घर आता है और एक दर्जी के पास जाता है ताकि उसका कफन सीला जा सके. ये बात चोरों के सरदार को पता चल जाती है.
चोरों का सरदार उस दर्जी को लेकर अलीबाबा के घर जाता है और उसके घर पर एक निशान लगा देता है ताकि रात के अंधेरे में जब वे लोग अलीबाबा के घर आए तो उसका घर पहचाना जा सके. अलीबाबा बहुत होशियार होता है और वह वैसा ही निशान ढेर सारे घरों पर बना देता है. चोर आते हैं लेकिन अलीबाबा का घर नहीं खोज पाते हैं.
चोरों का सरदार एक बार फिर दर्जी को लेकर अलीबाबा के घर जाता है और उसका नक्शा अपने दिमाग में बैठा लेता है. अलीबाबा को शक न हो इसलिए वह चोर नहीं बल्कि एक व्यापारी का रूप धरता है और तेल बेचने का नाटक करता है. वह 40 ड्रम बनवाता है और एक में तेल और बाकि में अपने साथियों को छुपाकर अलीबाबा के घर पहुंच जाता है.
अलीबाबा को इस बात का पता चल जाता है, वह शाम को ही ढेर सारा तेल गर्म करवाता है और उन सभी ड्रमों में उन्हें डलवा देता है, जिसमें चोर छुपे हुए थे. सारे चोर मर जाते हैं. चोरों को सरदार जब रात को उन्हें आवाज लगाता है तो उसे पता चलता है कि सारे चोर मारे गए हैं.
चोरों का सरदार अपनी जान बचाकर भागता है लेकिन वह अलीबाबा से बदला लेने की फिराक में रहता है. इसी तरह समय गुजरता है और अलीबाबा का लड़का बड़ा हो जाता है और वह व्यापार के लिए दुकान खोलता है. एक आदमी इसमें अलीबाबा के बेटे की बहुत सहायता करता है. अलीबाबा से उस आदमी की बहुत अच्छी मित्रता हो जाती है.
अलीबाबा का बेटा एक रात को उसे अपने घर दावत पर बुलाता है, जहां एक विशेष नृत्य का आयोजन किया जाता है जो चाकू और छुरियों के माध्यम से किया जाता है. इसी बीच जब चाकू और छुरियों से नृत्य चल रहा होता है तो रक्कासा अलीबाबा के कहने पर उसके बेटे के मित्र के सीने में घोंप देती है. अलीबाबा चोरों के सरदार को समय रहते पहचान लेता है. उसकी तलाशी ली जाती है तो उसके पार ढेर सारे हथियार मिलते हैं. वह उस रात अलीबाबा के पूरे परिवार की हत्या करने आया होता है लेकिन अलीबाबा की सूझ-बूझ से वह मारा जाता है.
पुरानी कहानियाँ पढ़ने मे आन्नद आता है
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